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Showing posts from February, 2019

मासूम चेहरे

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मासूम चेहरे  मासूम चेहरे  जब हम खुश होते हैं तो चेहरे पर  एक मनोहर मुस्कान आ जाती है  जो चेहरे को मासूम बना देती है  उस मासूम चेहरे को देखने वाला  हर चेहरा मासूम बन जाता है ... कुछ पल के लिए ही सही  खुशी का भाव सर्वोपरि हो जाता है  उदासी उदास होने लगती है  गुस्से को गुस्सा आने लगता है  हँसती है केवल हमारी हँसी  खुशी की खुशबू हर ओर फैल जाती है  हमें कुछ भी याद नहीं रहता  सिवाय उस हँसी के  तो क्यों न हम हँसें और हँसने दें  बनने दें अपने चेहरे को मासूम  बना दें अपने चेहरे से  मासूम चेहरों की लडियाँ  क्योंकि मुसकुराता हुआ चेहरा  हर परिस्थिति का स्वागत  मुस्कुराते हुए करता है... This poem is also available on my u-tube channel : Click here

मनोविज्ञान क्या है?

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मनोविज्ञान  मनोविज्ञान क्या है  मनोविज्ञान क्या है?  ग्यान है, विग्यान है  संवेग है, संग्यान है  संवेदना है, प्रत्यक्षीकरण है  तनाव मुक्त अंत:करण है  सिखाता समायोजन है  बेहतर जीवन आयोजन है  संवाद, सहायता, सहयोग है  गीता, उपनिषद, योग है  सिद्धांतों का उपयोग है  हटाता व्यवधान है  सुधारता अवधान है  करता निदान है  समस्या का समाधान है  दूर कर नकारात्मकता  लाता है सकारात्मकता  विकास, अभिप्रेरणा, अधिगम है  हर पहलू का संगम है... 

लौट आओ ना पापा...

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लौट आओ ना पापा...  लौट आओ ना पापा यू-ट्यूब पर सुनने के लिए लिंक पर क्लिक करें👇 https://youtu.be/FXuGw4Qb1sw  आज किसी ने फिर से मुझे "Bye"बोला पापा  मैने आपको बताया था ना पापा  मुझे बहुत डर लगने लगा है इस "Bye"से  आपने भी तो यही बोला था ना पापा  मुझे याद है वो दिन  जब मेरी नींद खुली ही थी तो...  आँखों के सामने आपको पाया था ना पापा  आपने मुझे गोद में उठाया था ना पापा  मुझे प्यार से गले लगाया था ना पापा  जब आप "Bye"बोलकर जाने लगे थे  और मैं रोने लगी थी तो...  आपने मुझे समझाया था ना पापा  कि आप बहुत जल्दी आओगे  आपने मुझे यही बताया था ना पापा  तो फिर आपने इतनी देर क्यों कर दी पापा?  आपको पता है?  आपकी बेटी बड़ी होने लगी है  बहुत सारे मेडल भी लाने लगी है  बिल्कुल वैसे ही मेडल जैसे आप लाते थे  दादा कितने खुश होते थे पापा  आप भी मेरे मेडल देखकर खुश हो जाओगे ना पापा?  आप मुझसे नाराज तो नहीं पापा?  अब मैं कोई शरारत नहीं करती  मुझे खिलौने, मिठाई, चॉकलेट  कुछ भी नहीं चाहिए पापा  आप बस लौट आइए...  अगर मुझस