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Showing posts from June, 2019

मैं एक बेटी का बाप हूँ

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मैं एक बेटी का बाप हूँ  मैं एक बेटी का बाप हूँ  मैं एक बेटी का बाप हूँ...  हर पल डर के साये में जीता हूँ  क्योंकि मुझे मेरी बेटी बहुत प्यारी है  जिसकी दुश्मन ये दुनिया सारी है  अरमान मेरे भी हैं  कि अपनी बेटी के अरमान पूरे करूं  मगर जब वो घर से जाती है  तो मेरी रूह काँप जाती है  अगर उसे लौटने में देर हो जाए  तो बेचैनी से उसकी राह देखता हूँ  कभी-कभी बिना गलती भी  उसे डाँट दिया करता हूँ  नहीं चाहता कि वो पीछे रहे  मैं भी उसकी तरक्की चाहता हूँ  साहस कम नहीं मुझमें भी मगर खुद को उसके मोह में बंधा हुआ पाता हूँ  मैं उसे पढाना चाहता हूँ  अप्सरा को अफ़सर बनाना चाहता हूँ  मगर डर जाता हूँ जब कॉलेज के सामने  आवारा लोगों के झुंड खड़े पाता हूँ  उसकी शादी अच्छे घर में करना चाहता हूँ  मगर फिर से डर जाता हूँ  जब हर रोज अखबारों में  प्रताड़ित होती बेटियों की खबर पाता हूँ  नहीं चाहता कि उस पर पाबंदियाँ लगाना  चाहता हूँ वो अपनी जिंदगी खुलकर जिए  मगर जब वो बाहर होती है  उसे घूरती खूंखार आँखों से घबराता हूँ बहुत-सी बात

वाह री दुनिया!

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वाह री दुनिया!  वाह री दुनिया!  वाह री दुनिया!  तू क्या चीज है तेरी हर रीत बड़ी अजीब है  कल तक जब... मुझे कोई राह नहीं दिखती थी  तो तूने अपनी आँखें बंद कर ली और आज जब... मैने ठोकरें खाकर उसे ढूंढ ही लिया है  तो तुझे मेरी राह गलत नज़र आने लगी  वाह री दुनिया!  कल तक जब...  मैं रो दिया करती थी तो तुझे  मेरे आँसुओं पर हँसी आती थी  और आज जब...  मैं हँसना सीख चुकी हूँ  तो मुझे रुलाने भी आ गई  वाह री दुनिया!  कल तक जब...  मैं कमजोर पड़ जाती थी  तो मुझे मजबूत बनने का उपदेश देती थी  और आज जब...  मैं मजबूत बन ही चुकी हूँ  तो मुझे कमजोर बनाने की कोशिश करने लगी वाह री दुनिया!  कल तक जब... मैं पीछे रह जाती थी  तो आगे बढ़ने की सलाह देती थी  और आज जब... मैं आगे बढ़ ही चुकी हूँ  तो मुझे पीछे धकेलने लगी  वाह री दुनिया!  कल तक जब...  मैं दुविधा में होती थी तो मुझे  खुद फैसले लेने की सलाह देती थी  और आज जब...  मैं अपना फैसला ले चुकी हूँ  तो तुझे मेरा फैसला गलत नज़र आने लगा वाह री दुनिया!   This poem is also a

तू डर से जीत

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तू डर से जीत तू डर से जीत    हर कदम को  हर डगर पर  डर ने ही तो डगमगाया है  इसे छोड़ कर  आगे जो बढ़े  जो चाहा वो पाया है  🐇तो आज ले ये फैसला  जगा ले खुद में हौंसला  इस फैसले पे जो चला  (तू पूछोगे कि क्या होगा)  🐰होंगे फिर सपने नए  डर को पीछे छोड़ के  बदलेगी फिर तेरी तकदीर ... Just dare and dream  Don't ever leave  तू डर से जीत  (जीता जो डर से तू जीत लेगा सारी दुनिया)  💜💜💜 जिंदगी में होगा क्या  किसने ये जाना है  होता ना सदा, जो सोचा था  सबने ये माना है  🐇तू भी तो मान ले  बात ये जान ले  कुछ तो तू भी ठान ले  (अब पूछोगे कि क्या ठान लूं)  🐰ठान ले कुछ तो नया  जो होगा देखा जाएगा  तोड़ दे डर की ये जंजीर ... Just dare and dream  Don't ever leave  तू डर से जीत  (जीता जो डर से तू जीत लेगा सारी दुनिया)  💜💜💜 मुश्किलें तो हम सब को  कितना कुछ सिखाती हैं  इनसे जो सीखें तो  तातक ये बन जाती हैं  🐇खुशियों का दुश्मन है ये  फिजूल एक बंधन है ये  किससे, क्यों डरना है क्या  (अब पूछोगे कि करना है क्या)

उम्मीदों का घर

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उम्मीदों का घर  आ जा लौटकर, उम्मीदों के घर  क्यूं छोड़ कर  उम्मीदों का घर  क्यूं फिरता है  तू यूं दर-ब-दर  ❤माना कि मंजिल को पाना, आसान तो नहीं  पर चल के ही जो न देखे, इंसान वो नहीं  कैसी फ़िकर  किस बात का डर  चुन ले जरा  अपनी तू डगर ... 💜💜💜 कौन सी ताकत है जो, हिम्मत के आगे टिक सकी  कौन सी बाधा है जो, अपने इरादों से बड़ी  कौन वो इंसान जिसने ,ठोकरें खाई नहीं  कौन सा वो ख़्वाब जिसको, पूरा कर सकते नहीं  ❤माना कि दुनिया को तेरी, पहचान नहीं  पर तू तो ताकत से अपनी, अनजान नहीं  क्यूं है भला  खुद से बेखबर  कर ले जरा  अपनी तू कदर...  💜💜💜 याद रख कि साथ तेरे, कल जो थे वो अब भी हैं  याद रख भगवान में ,विश्वास तेरा अब भी है  क्या हुआ एक बार जो ,तू हो न पाया कामयाब  कर गुजरने का जुनून, तो अब भी तेरे मन में है  ❤अब पीछे हटना भी तो, आसान नहीं  बढ़ने में आगे कोई ,नुकसान नहीं  क्यूं बैठा है  इस कदर हार कर  सब मुश्किलों को  तू पार कर  💜💜💜 हर खुशी कदमों में तेरे ,आने को तैयार है  बस तेरे डर के लिए ,एक तू ही तो हथियार है  जान देकर तो समस्या