उम्मीदों का घर


उम्मीदों का घर 

Hopes in life
आ जा लौटकर, उम्मीदों के घर 

क्यूं छोड़ कर 
उम्मीदों का घर 
क्यूं फिरता है 
तू यूं दर-ब-दर 
❤माना कि मंजिल को पाना, आसान तो नहीं 
पर चल के ही जो न देखे, इंसान वो नहीं 
कैसी फ़िकर 
किस बात का डर 
चुन ले जरा 
अपनी तू डगर ...

💜💜💜
कौन सी ताकत है जो, हिम्मत के आगे टिक सकी 
कौन सी बाधा है जो, अपने इरादों से बड़ी 
कौन वो इंसान जिसने ,ठोकरें खाई नहीं 
कौन सा वो ख़्वाब जिसको, पूरा कर सकते नहीं 
❤माना कि दुनिया को तेरी, पहचान नहीं 
पर तू तो ताकत से अपनी, अनजान नहीं 
क्यूं है भला 
खुद से बेखबर 
कर ले जरा 
अपनी तू कदर... 

💜💜💜
याद रख कि साथ तेरे, कल जो थे वो अब भी हैं 
याद रख भगवान में ,विश्वास तेरा अब भी है 
क्या हुआ एक बार जो ,तू हो न पाया कामयाब 
कर गुजरने का जुनून, तो अब भी तेरे मन में है 
❤अब पीछे हटना भी तो, आसान नहीं 
बढ़ने में आगे कोई ,नुकसान नहीं 
क्यूं बैठा है 
इस कदर हार कर 
सब मुश्किलों को
 तू पार कर 

💜💜💜
हर खुशी कदमों में तेरे ,आने को तैयार है 
बस तेरे डर के लिए ,एक तू ही तो हथियार है 
जान देकर तो समस्या का, नहीं होता है हल 
कीमती है पर तेरे ,जीवन का हर एक पल 
❤जिंदगी का तेरी, ये अंजाम नहीं 
हार कर छोड़ना ,तेरा काम नहीं 
आ लौटकर 
उम्मीदों के घर 
चुन ली डगर 
पूरा कर सफर 
आ जा लौटकर 
उम्मीदों के घर... 
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