बेटी की वेदना
बेटी की वेदना
बेटी की वेदना |
क्या कहूँ, किससे कहूँ
तुझे ही होगा झेलना
सिर्फ तेरी ही नहीं
ये हर बेटी की वेदना
मायके वालों ने कहा
करना तू कुछ भी वहाँ
वही होगा घर तेरा
होगी तेरी शादी जहाँ
ससुराल में भी किसी ने
माना तुझे अपना कहाँ
किया होता जो करना था
था तेरा जो घर वहाँ
अब सवाल ये है...
कौन सा है घर तेरा?
जिंदगी तेरी है कहाँ?
किससे है उम्मीद तुझे?
कौन तेरा है यहाँ?
खुद ही बनाना है
तुझे अपना ये जहान
खुद ही छूना है तुझे
सपनों का वो आसमान
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