दोस्ती

दोस्ती 

दोस्ती, प्यार
दोस्ती 

जो तोड़े न टूटे, वो बंधन है दोस्ती 
जो भर दे हर घाव, वो मरहम है दोस्ती 
ढूंढे खुशियों के तराने, दोस्त के लिए 
ऐसा ही तो एक, मकसद है दोस्ती... 

जो हर नाता, पल में तोड़ जाए
मुसीबतों को देख,मुँह मोड़ जाए 
जब चाहिए हो साथ,तन्हा छोड़ जाए 
ऐसी खुदगर्ज भावना, नहीं होती दोस्ती 
जो सुख और दुःख में साथ निभाए
ऐसे कुछ आंसू-सी, होती है दोस्ती 

दोस्त की कमियाँ, नहीं देखती दोस्ती 
न ही कोई मतलब, देखती है दोस्ती 
जो लाँघ हर खाई, दिलों को मिलाए 
ऐसा ही एक सेतू, होती है दोस्ती 

नहीं कि बनकर जो, उड़ जाए धूल 
नहीं कि बनकर जो, चुप जाए सूल 
नहीं कि होकर जुदा, जिसे जाए भूल 
क्षणभंगुर के लिए, नहीं होती दोस्ती 
जो मुरझाकर भी, जीवन को महकाए 
ऐसा ही एक फूल-सी, होती है दोस्ती 

जीने की मंजिल और सहारा है दोस्ती 
डूबते सागर में, जीवन की शिकारा है दोस्ती 
जो रोशन करे, दोस्त के जीवन में बहारें 
ऐसा ही जगमगाता, सितारा है दोस्ती... 

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Comments

MANJIT KAUR said…
Well said Reena..
Or Har Kisi ko nhi samaj aati ye dosti
U r right sweetu sister. Dosti toh do dilon ko jadney wala sach hai its humanity matter. Too fattas sweetu i proud of my sister and i love u more. 🌺💕

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