हीरो का साथ
हीरो का साथ
हीरो का साथ |
नई फिल्म रिलीज हुई
हॉल दर्शकों से भरा हुआ
हीरो काफी स्टाइलिश है
शराब का शौकीन
आज ही उसे कामयाबी मिली
तो पार्टी तो बनती है
हीरो गाता है ~
"आज फिर पीने की तमन्ना है "
दर्शकों के चेहरे पर संतुष्टि है
हीरो को खुद में उतार चुके हैं
लेकिन जीवन है
दुःख भी आएंगे
हीरो बर्बाद हो चुका है
फिर गाता है ~
"मुझे पीने का शौक नहीं...
पीता हूँ गम भुलाने को "
दर्शक गमगीन हैं...
मगर हीरो के साथ
हीरो शराब की शरण में है
जो बचा था वो भी गया
दर्शक अब भी संतुष्ट
हीरो संघर्ष क्यों करे?
हार मानना स्वाभाविक है
मुश्किलों के सामने घुटने
टेकने ही पड़ते हैं
मगर हीरो समझदार निकला
उसने शराब छोड़ दी ...
इस बार दर्शक निराश हैं
एकमात्र सहारा छोड़ना
कोई समझादारी है?
पूरी फिल्म में साथ दिया
मगर अब और नहीं...
क्यों?
क्योंकि नशे की लत छोड़ना आसान नहीं
मुश्किल में कोई किसी के साथ नहीं
तो ऐसे हीरो को खुद में उतारा ही क्यों?
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