ए हार! मैं हूँ शुक्रगुज़ार

ए हार! मैं हूँ तेरी शुक्रगुज़ार 

माना ये जिंदगी, अब नहीं गुलजार 
मगर फिर भी ए हार! मैं हूँ तेरी शुक्रगुज़ार 
हार तेरी शुक्रगुज़ार
ए हार! मैं हूँ तेरी शुक्रगुज़ार 



तू ही तो है वो 
जिसने मुझे ये एहसास दिलाया 
कि जो लोग मेरे साथ थे 
दरअसल वे मेरे साथ थे ही नहीं 
बल्कि उस जीत के साथ थे 
जो मुझे छोड़ कर जा चुकी है 

तूने कर दिया, मेरे भ्रम को तार-तार 
मगर फिर भी ए हार! मैं हूँ तेरी शुक्रगुज़ार 

तू ही तो है वो 
जिसने मुझे ये एहसास दिलाया 
कि सब जीत में होते हैं साथ 
बदल जाते हैं लोग 
जब बदलते हैं वक्त और हालात 

तूने दिखा ही दिया मुझे आदमी कैसे होता है लाचार  
मगर फिर भी ए हार! मैं हूँ तेरी शुक्रगुज़ार 

तू ही तो है वो 
जिसने मुझे ये एहसास दिलाया 
कि किसी को किसी पर भरोसा नहीं 
क्योंकि अपना यहाँ कोई होता ही नहीं 
खुद ही कर लूँ अपनी काबिलियत पर विश्वास 
दूसरों से क्यों रखूँ आस 

तूने दिखा ही दिया मुझे आईना इस बार 
मगर फिर भी ए हार! मैं हूँ तेरी शुक्रगुज़ार 

तू ही तो है वो 
जिसने मुझे ये एहसास दिलाया 
कि अब तेरे सिवाय मेरा कोई नहीं 
मगर जब तू मुझे छोड़ जाएगी 
तो वो जीत फिर से आ जाएगी 
और उसके साथ सारी दुनिया 

इसके लिए खुद को साबित करना होगा हर बार 
इसलिए ए हार! मैं हूँ तेरी शुक्रगुज़ार... 

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