ना बहा ये आँसू
ना बहा ये आँसू
ना बहा ये आँसू |
ना बहा ये आँसू, ना बहा
इनमें ही कहीं बह जाए ना
तेरी ये अधूरी दास्तान
अनकही अनसुनी रह जाए ना
इनमें छिपे सारे पल तेरी जिंदगी के
इनमें छिपे तेरे जीने के तरीके
इनमें ही तो है नमी तेरे एहसासों की
इनमें ही तो है रौनक तेरे अरमानों की
ना बहा ये आँसू...
❤❤❤
पुरानी किताबों में, धुंधली -सी यादों में
हल्की तकरारों में, मीठी -सी बातों में
देखते हो जब तुम, खुद को घुलते हुए
पाते हो खुद को तुम, इनसे मिलते हुए
यूं ही चले आते हैं, ये मोती आँखों में
यूं ही लौट आते हैं, ये लम्हे ख्वाबों में
यूं ही झूलता फिर, इन लम्हों में ये मन
कभी खुश होता कभी, उदास होता मन
खामखाँ न जाने क्यों हुआ
हल्का -सा मन का ये समाँ
इनमें ही कहीं बह जाए ना
यादों का सुनहरा आसमाँ...
❤❤❤
खुशियों की चाहतों में, दर्द में राहतों में
टूटे हुए दिलों में, डर की आहटों में
देखते हो जब खुद को सिकुड़ते हुए
पाते हो खुद को तुम, इनसे मिलते हुए
यूं ही गिर जाते हैं, ये मोती आँखों से
यूं ही घिर जाते हैं, जब दुःख भरी बातों से
नजर आता है फिर, हर तरफ अंधेरा
क्या करे इस हाल में, फिर ये दिल तेरा
ना जता ये दुःख तू ना जता
इनसे ही मिलेगा रास्ता
तेरी ये अधूरी दास्तान
सुनेगा फिर ये सारा जहां
ना बहा...
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