आँखें

आँखे

Eyes
आँखें

न जाने क्या देखती हैं ये आँखें
हर पल कुछ देखती ही रहती हैं
कभी डर, उत्सुकता,कभी हैरानी में
तैरते हुए किसी अद्भुत पानी में

वही चमकीली आँखें उजाला फैलाती हैं
वही प्यार भरी आँखें जो सहलाती हैं
वही बेचैन आँँखें जो ढूँढती हैं किसी को
कभी किसी को नजरअंदाज करती हैं
वही मुस्कुराती आँखें जो बाँटती हैं खुशी को
मगर किसी को कभी नाराज करती हैं

वही सूनी आँखें जो रिश्ते से आजाद करती हैं
किसी पर अपनेपन की बरसात करती हैं
वही तड़पती आँखें जो किसी को याद करती हैं
किसी के आने की फरियाद करती हैं
मगर चुप नहीं रहती हमेशा बात करती हैं
अपने ही शब्दों में हालात बयान करती हैं...
My another Blogs:
1.Hopes in Life
2.Worldwide Haryanvi

Comments

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Anonymous said…
Very Nice

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