झूम लेती हूँ मैं अक्सर
झूम लेती हूँ मैं अक्सर झूम लेती हूँ मैं अक्सर बादलों की गड़गड़ाहट को सुनकर हवा की सनसनाहट को सुनकर पत्तों की सरसराहट को सुनकर बारिश की छनछनाहट को सुनकर पक्षियों की चहक को सुनकर माटी की महक को चुनकर झिलमिलाते पानी को देखकर लहराते सागर को देखकर टिमटिमाते तारों को देखकर मुस्कुराते चाँद को देखकर झूम लेती हूँ मैं अक्सर... My another Blogs: 1. Hopes in Life 2. Worldwide Haryanvi